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ओशनसैट-2 उद्देश्य

भारतीय उपग्रह ओशनसैट-2 को ओशनसैट-1 के महासागर रंग मॉनिटर (ओसीएम) उपकरण के परिचालन उपयोगकर्ताओं के लिए सेवा निरंतरता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अन्य क्षेत्रों में अनुप्रयोगों की क्षमता को भी बढ़ाएगा। ओशनसैट-2 का मुख्य उद्देश्य सतही हवाओं और समुद्र की सतह के स्तर का अध्ययन करना, क्लोरोफिल सांद्रता का अवलोकन, फाइटोप्लांकटन समूह की निगरानी, वायुमंडलीय एरोसोल का अध्ययन और पानी में निलंबित तलछट का अध्ययन करना है।

ओशनसैट-2 के प्राथमिक मिशन उद्देश्य हैं:  

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    महासागर रंग मॉनिटर और केयू-बैंड प्रकीर्णमापी ले जाने वाले त्रि-अक्षीय स्थिर अंतरिक्ष यान की डिजाइन, विकास, प्रमोचन और संचालन करना,

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    प्रचालनशील आधार पर पवन सदिश जैसे भूभौतिकीय मापदंडों की पुनर्प्राप्ति के लिए कलनविधि विकसित/कार्यान्वित करना।

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    चक्रवात प्रक्षेपवक्र, मत्स्य पालन, तटीय क्षेत्र मानचित्रण आदि के पूर्वानुमान सहित महासागर अध्ययन के क्षेत्रों में नए अनुप्रयोगों को बढ़ावा देना।

ओशनसैट-2 समुद्र विज्ञान, तटीय और वायुमंडलीय अनुप्रयोगों के लिए व्यवस्थित डेटा एकत्र करता है। ओशनसैट-2 का मुख्य उद्देश्य सतही हवाओं और समुद्र की सतह के स्तर का अध्ययन करना, क्लोरोफिल सांद्रता का अवलोकन, फाइटोप्लांकटन समूह की निगरानी, वायुमंडलीय एरोसोल का अध्ययन और पानी में निलंबित तलछट का अध्ययन करना है।

 

ओशनसैट-2 में महासागर संबंधी अध्ययनों के लिए दो नीतभार हैंयथा महासागर रंग मॉनिटर (ओसीएमऔर केयू-बैंड पेंसिल बीम प्रकीर्णमापी। इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी (एएसआईद्वारा विकसित रोसा (वायुमंडलीय अध्ययन के लिए रेडियो आच्छादन ध्वनित्रनामक एक अतिरिक्त परारोही नीतभार भी शामिल है। ओशनसैट-2 के डेटा के प्रमुख अनुप्रयोगों में संभावित मत्स्य क्षेत्रों की पहचानसमुद्र की स्थिति का पूर्वानुमानतटीय क्षेत्र के अध्ययन और मौसम के पूर्वानुमान तथा जलवायु अध्ययन के लिए इनपुट शामिल हैं।